मंगळवार, २९ जानेवारी, २०१९

जुल्फे...

जुल्फे...
इन बिखरे हुए रेशमी जुल्फों में
हम कुछ इस तरह उलझ गए..
के चाहकर भी खुद को छुड़ा ना सके
और वह भी हमे समझ ना पाए..!!
***सुनिल पवार....✍️

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