गुरुवार, १५ ऑक्टोबर, २०२०

आयुष्य एक रंगमंच

 आयुष्य एक रंगमंच..

आयुष्य एक रंगमंच
निरनिराळ्या भूमिकेचा संच।
सुखदुःखाचा पडदा हलता
त्यावर चाले जीवन प्रपंच।
--सुनील पवार..

है जीवन का मंत्र

 है जीवन का मंत्र..

है जीवन का मंत्र
मेल बढ़ाते हुए चलो।
दो बोल मीठे बोलो
मगर स्वार्थ न घोलो।
--सुनील पवार..

सामना तो करो

 सामना तो करो..

सामना तो करो
फिर चाहे जो अंज़ाम हो।
हार या जीत
चाहे जो भी मुक़ाम हो।
हमने घुटनें नही टेके
तसल्ली इस बात की हो।
Good🌞Morning
--सुनील पवार..

दुवा माँगते चलो

 दुवा माँगते चलो..

कभी तो क़ुबूल होगी
दुआ माँगते चलो।
इंसानियत में है भगवान
उनसे भी कभी मिलो।
--सुनिल पवार..

तुम वो एहसास हो

 तुम वो एहसास हो..

तुम वो एहसास हो
जो मिटाए ना मिटेगा।
दिल में, धड़कन में
हर साँस में बसा रहेगा।
--सुनील पवार..

अजून या पाखराला

 अजून या पाखराला..

अजून या पाखराला
वेड आकाशाचे आहे।
जरी अंधार दाटलेला
स्वप्न प्रकाशाचे आहे।
--सुनील पवार..

स्वप्नांचे आयुष्य किती?

 स्वप्नांचे आयुष्य किती?

स्वप्नांचे आयुष्य किती?
खरे तर असून नसल्यासारखे।
पण माणसाचे वेडे मन
त्यातच दिसते फसल्यासारखे।
--सुनील पवार..

ज़िंदगी

 ज़िंदगी..

ज़िंदगी की मेहरबानियाँ कम नहीं
ज़िंदगी से प्यार करने वाले कम नहीं।
इम्तिहान लेती है ज़िंदगी हर घड़ी
ज़िंदगी से तंग आने वाले कम नहीं।
--सुनील पवार..

सच का दामन थाम के रखो

 सच का दामन थाम के रखो..

सच का दामन थाम के रखो
उम्मीद का हाथ कभी ना छोड़ो।
आएंगी मुश्किले राह में मगर
मंज़िल से नाता कभी ना तोड़ो।
--सुनील पवार..

शनिवार, ३ ऑक्टोबर, २०२०

तुम्हारा ख़याल जैसे

 तुम्हारा ख़याल जैसे..

तुम्हारा ख़याल जैसे
तारों की झिलमिल।
रात के आँगन में सजी
यादों की महफ़िल।
--सुनील पवार..✍️

सुनता कहाँ है वो

 सुनता कहाँ है वो..

सुनता कहाँ है वो
वो तो कहती रहती है।
यहीं बात मगर
उसको खटकती रहती है।
--सुनील पवार..✍️

आप कहें तो

आप कहें तो..

आप कहें तो
दिया जला दु दिलमें।
या छोड़ दु
अपने हाल पे जलने।
--सुनील पवार..

ज़िंदगी की किताब

 ज़िंदगी की किताब..

ज़िंदगी की किताब
पढ़ना जरूरी है।
उसके बिना मानो
ज़िंदगी अधूरी है।
--सुनील पवार..✍️

क्षणभर आठवणी

क्षणभर आठवणी..

क्षणभर आठवणी
मणभर वेदना देतात।
रिक्त झाल्या पोकळीची
जाणीव करून देतात।
--सुनील पवार..✍️

हर जवाब मिलता है

हर जवाब मिलता है..

हर जवाब मिलता है
सवाल पूछते रहना चाहिए।
कभी दूसरों से
तो कभी
अपने आप से मिलना चाहिए।
--सुनील पवार..✍️