चारोळी चकोर
शनिवार, ३ ऑक्टोबर, २०२०
ज़िंदगी की किताब
ज़िंदगी की किताब..
ज़िंदगी की किताब
पढ़ना जरूरी है।
उसके बिना मानो
ज़िंदगी अधूरी है।
--सुनील पवार..
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