मंगळवार, ४ जून, २०१९

नींद की चादर..

नींद की चादर..
तेरे एहसासों जैसी ही
नींद की चादर छलनी है।
घनी रात के अँधियारी में
लौव तो युही जलनी है।
---सुनिल पवार..✍🏼

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