चारोळी चकोर
सोमवार, ४ जानेवारी, २०२१
सजा लिया है आँखों में
सजा लिया है आँखों में..
सजा लिया है आँखों में इक सपना
मगर नींद मेरी नदारत है।
अब खुली आँखों से भी देख सकता हु
क्यों कि वही इबादत है।
--सुनील पवार..
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