शनिवार, १९ सप्टेंबर, २०२०

शाम धीरे धीरे गुज़र..

 शाम धीरे धीरे गुज़र..

शाम धीरे धीरे गुजर
ये लम्हा ना जाए दूर।
आसमाँ के चेहरेपर
खिला है रंगों का नूर।
--सुनील पवार..✍️

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