गुरुवार, २३ मे, २०१९

माँ..

माँ..
इत्र सा महकता तेरा नाम
माँ तेरे चरणों में मेरा धाम।
तेरे आँचल तले ठंडी छाँव
तू ही जन्नत का दूसरा नाम।
--सुनिल पवार...✍️

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