चारोळी चकोर
गुरुवार, २३ मे, २०१९
धूप के सफर में...
इस धूप के सफर में
तुम अकेली छाँव हो माँ।
जहा शीश झुकें मेरा
वहाँ तुम्हारा पाँव हो माँ।
--सुनिल पवार..
✍️
See Translation
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा
नवीनतम पोस्ट
थोडे जुने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
याची सदस्यत्व घ्या:
टिप्पणी पोस्ट करा (Atom)
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा