बुधवार, २६ नोव्हेंबर, २०१४

II सपने II

II सपने II
आँखों में सपने थे..
कहने को अपने थे..
तिनके के सहारे..
चले हम बचने थे..!!
*चकोर*
(सुनिल पवार)


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