शुक्रवार, १९ जुलै, २०१९
स्वप्नातला चेहरा..
पारख...
गुरुवार, १८ जुलै, २०१९
हर दिन नई कहानी...
हर दिन नई कहानी...
हर दिन नई कहानी
सुनो ज़िन्दगी के जुबानी।
उसके रंग में रंगों तो
ज़िन्दगी लगती है सुहानी।
--सुनिल पवार...✍️
सुनो ज़िन्दगी के जुबानी।
उसके रंग में रंगों तो
ज़िन्दगी लगती है सुहानी।
--सुनिल पवार...✍️
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वो शख़्स..
वो शख़्स..
वो शख़्स दिल से निकलता नहीं
कैसे निकलू? मेरा दिल मेरे पास नहीं।
--सुनिल पवार..✍️
कैसे निकलू? मेरा दिल मेरे पास नहीं।
--सुनिल पवार..✍️
सोमवार, १५ जुलै, २०१९
आधे रस्ते से...
नूर...
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रविवार, १४ जुलै, २०१९
नैनों की भाषा..
तुम मिले देर से...
अर्ज किया है...
तुम मिले देर से कोई गम नहीं
मगर उसपर ये देरी अच्छी नहीं।
मगर उसपर ये देरी अच्छी नहीं।
हा! कुछ वजह हो सकती है देरी कि
मगर तुम्हारी ये वजह सच्ची नही।
--सुनिल पवार...✍️
--सुनिल पवार...✍️
कॅमेरे में कैद कर लो ज़िन्दगी
कॅमेरे में कैद कर लो ज़िन्दगी..
कॅमेरे में कैद कर लो ज़िन्दगी
यादों का मेला हरदम लगा रहेगा।
मौसम चाहे जैसा भी हो
ज़िन्दगी का गुलशन हरा रहेगा।
--सुनिल पवार...✍️
यादों का मेला हरदम लगा रहेगा।
मौसम चाहे जैसा भी हो
ज़िन्दगी का गुलशन हरा रहेगा।
--सुनिल पवार...✍️
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खरा गोडवा..
फिर भी...
फिर भी...
रास्ता कच्चा नहीं फिर भी
शार्ट कट अच्छा नही।
लेने से पहले सोचना जरूर
क्या गलत और क्या सही।
Good🌞Morning
--सुनिल पवार..✍️
शार्ट कट अच्छा नही।
लेने से पहले सोचना जरूर
क्या गलत और क्या सही।
Good🌞Morning
--सुनिल पवार..✍️
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सुन...
सुन...
वादा करने वाले सुन
कभी निभाया भी करो।
बहाने तो रोज़ के है
अब कुछ नया भी करो।
--सुनिल पवार...✍️
कभी निभाया भी करो।
बहाने तो रोज़ के है
अब कुछ नया भी करो।
--सुनिल पवार...✍️
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हारने के बाद भी...
हारने के बाद भी...
हारने के बाद भी
जीत मुमकिन है।
इतना तो मझुको
खुद पर यक़ीन है।
--सुनिल पवार...✍️
जीत मुमकिन है।
इतना तो मझुको
खुद पर यक़ीन है।
--सुनिल पवार...✍️
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कोई वजह तो होगी..
कोई वजह तो होगी..
कोई वजह तो होगी
उनके अनदेखा करने की।
अब तो आदत सी हो गई
खुद से समझौता करने की।
--सुनिल पवार...✍️
उनके अनदेखा करने की।
अब तो आदत सी हो गई
खुद से समझौता करने की।
--सुनिल पवार...✍️
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आओ भीगे बारिश में....
कब तक झांकोगे खिड़की से
कब तक जिओगे ख़्वाईश में।
यू दूर बैठके समझ न आएगा
अब तो आओ भीगे बारिश में।
--सुनिल पवार...✍️
कब तक जिओगे ख़्वाईश में।
यू दूर बैठके समझ न आएगा
अब तो आओ भीगे बारिश में।
--सुनिल पवार...✍️
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बात बढ़ाओ मत...
बात बढ़ाओ मत...
बात बढ़ाओ मत
उससे कुछ हाँसिल न होगा।
मोहरे बदल के देखो
फिर कोई क़ातिल न होगा।
--सुनिल पवार...✍️
उससे कुछ हाँसिल न होगा।
मोहरे बदल के देखो
फिर कोई क़ातिल न होगा।
--सुनिल पवार...✍️
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यह ख़ामोशीया...
यह ख़ामोशीया...
यह ख़ामोशीयादूर लेकर जाएगी
पर यह बात कौन किसे समझाए?
मैं खामोश हु और तुम भी चुप रहे
काश यह ख़ामोशीया बोल पाए।
--सुनिल पवार...✍️
पर यह बात कौन किसे समझाए?
मैं खामोश हु और तुम भी चुप रहे
काश यह ख़ामोशीया बोल पाए।
--सुनिल पवार...✍️
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पण मला माहित नव्हतं...
विश्वास करो...
विश्वास करो...
मेरा विश्वास करो यह तो मैं नहीं कहूँगा
वैसे भी विश्वास कहने सुनने की बात नही।
--सुनिल पवार...✍️
वैसे भी विश्वास कहने सुनने की बात नही।
--सुनिल पवार...✍️
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