रविवार, १४ जुलै, २०१९

कुछ इस तरह..

कुछ इस तरह..
कुछ इस तरह बरस के दिन बन जाए
आसमाँ और धरती का मिलन हो जाए।
भीगी मिठ्ठी की खुशबू दिल को छू जाए
उनके प्यार में भीगने को मन ललचाए।
--सुनिल पवार...✍️

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