चारोळी चकोर
रविवार, १४ जुलै, २०१९
कभी ख़ुद से भी मिलते रहिये..
दूसरों से पहचान होती रहेगी
कभी ख़ुद से भी मिलते रहिये।
वह नही जो आईनें में दिखता है
अपने अंदर झाँक के देखिए।
--सुनिल पवार...
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