सोमवार, १५ जुलै, २०१९

आधे रस्ते से...

आधे रस्ते से...
आधे रस्ते से लौट आना वो मुसाफ़िर
फिर न कहना के मैंने आवाज दी नहीं।
--सुनिल पवार...✍️

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा