गुरुवार, २० ऑगस्ट, २०२०

ख़्वाब..

 ख़्वाब..


खुली आँखों से हमने ख़्वाब देखें

फिर भी सारे टूट गए।

अपने ही थे ख़्वाब दिखाने वाले

वो अरमान सारे लूट गए।

--सुनील पवार..✍️

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