चारोळी चकोर
गुरुवार, २० ऑगस्ट, २०२०
हमेशा कम ही लगता है...
हमेशा कम ही लगता है...
हमेशा कम ही लगता है जितना भी मिले
बढ़ती जरूरतों का सफर दिनरात चले।
फिर वो भूक हो, चाहत हो या दौलत हो
इंसान हर चीज को चाहता है कदमों तले।
--सुनील पवार..
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भारत जगताप, Vrushali Sanap Kale and 11 others
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