चारोळी चकोर
शुक्रवार, १४ ऑगस्ट, २०२०
अनगिनत इच्छाएँ..
अनगिनत इच्छाएँ..
अनगिनत इच्छाएँ मन की
हरदम दौड़ाती रहती हैं।
दौड़ ख़त्म हो जाती है
मगर इच्छाएँ रह जाती है।
--सुनील पवार..
241
People Reached
10
Engagements
Boost Post
9
9
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा
नवीनतम पोस्ट
थोडे जुने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
याची सदस्यत्व घ्या:
टिप्पणी पोस्ट करा (Atom)
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा