चारोळी चकोर
शुक्रवार, १४ ऑगस्ट, २०२०
एक मुट्ठी आसमाँ..
एक मुट्ठी आसमाँ..
वैसे तो ज़मीं पर हैं मेरा सारा जहाँ
फिर भी दिल चाहे एक मुट्ठी आसमाँ।
--सुनील पवार..
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