किस्से कागज के..
रात गुजर जाती है यूँ भी
चंद मीठे लब्जों के साथ।
किस्से कागज़ के होते है
और कलम करती है बात।
शुभरात्री🌺शब्बा ख़ैर..🌜
--सुनील पवार..✍️
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा