गुरुवार, २० ऑगस्ट, २०२०

परमार्थ..

 परमार्थ..


दया,धर्म,सद्भावना का इस्तेमाल

आजकल लोग स्वार्थ के करते है।

यही तो कलियुग है भाई

लोग इसी को परमार्थ समझतें है।

Good Morning...🌞

--सुनील पवार..✍️

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा