सोमवार, २७ जुलै, २०२०

ज़िन्दगी हम तेरे मज़दूर..

ज़िन्दगी हम तेरे मज़दूर..
ज़िन्दगी हम तेरे मजदूर है
इस दौर में भी मजबूर है।
पर इतना कहना जरूर है
इन आँखों मे अब भी गुरुर है।
--सुनील पवार..✍️
363
People Reached
4
Engagements
13

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा