चारोळी चकोर
सोमवार, २७ जुलै, २०२०
ज़िन्दगी के दर्द को स्वीकार कर..
ज़िन्दगी के दर्द को स्वीकार कर..
ज़िन्दगी के दर्द को स्वीकार कर
पर लड़ने से कभी ना इनक़ार कर।
क्यों छुपता है हालातों से डर कर
ज़िन्दगी हाँसिल कर डर को मार कर।
--सुनील पवार..
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