सोमवार, २७ जुलै, २०२०

बेवज़ह ही..

बेवज़ह ही..
बेवजह ही हम
मिलने की वजह ढूंढ़ रहे थे
देर समझ आया
हम एक कश्ती में सवार थे।
--सुनील पवार..✍️
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