गुरुवार, ३० जुलै, २०२०

आहिस्ता आहिस्ता..

आहिस्ता आहिस्ता..

आहिस्ता आहिस्ता रात होने लगी
सपनों में नींद खोने लगी।
कल होंगी फिर एक सुबह नई
हर दिल में उम्मीद जगने लगी।
शुभरात्री🍁शब्बा ख़ैर..🌜
--सुनील पवार..✍️
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