रविवार, २६ जुलै, २०२०

रात ठहर गई है मुझमें..

रात ठहर गई है मुझमें..

रात ठहर गई है मुझमें
ऐ चाँद तुझे देख कर।
मचलते हुए इस दिल को
अब कैसे कहु सबर कर।
--सुनील पवार..✍️
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